बालों के प्रकार (Type of hairs)
बालों के प्रकार
हैलो दोस्तों ,
चमकीले कालें घने बाल सबको आकर्षित करते हैं। आपने बालो को काला और घना करने के लिए यदि लापरवाही से नित्य नए प्रयोग किये जाते हैं तो बालों के असमय सफ़ेद होने, दो मुँहे होने , रुसी होने तथा तीव्र रूप से झड़ने जैसी समस्याएं खड़ी हो हैं।
महिलाएं प्रायः इस बात से भी अनभिज्ञ रहती है की उनके बालों का प्रकार क्या हैं ? अपने बालों की प्रकृति जाने बिना ही वह अपना समय बर्बाद करती हैं। अतः बालों को चूँकि सुंदरता का पैमाना मन गया है , इसलिए अपने बालों की प्रकृति पहचान कर उन्हीं के अनुरूप उनकीं देखभाल करनी चाहिए।
आइये , सर्वप्रथम बालों के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य जानें :-
- हमारे सिर के एक बाल की उमर लगभग सात साल की होती है।
- महिला के सिर पर पुरुष से अधिक बाल होते हैं।
- सोते समय और गर्मियों में बाल ज्यादा तेज़ी से बढ़ते है।
- सौलह से चौबीस की उम्र तक बल ज्यादा बढ़ते हैं।
- चालीस से पचास की उम्र तक आते आते महिलाओं के बाल ज्यादा तक बीस प्रतिशत झड़ जाते हैं।
- उम्र के साथ-साथ बाल रूखे होने लगते हैं।
- स्वस्थ बालों में लचीलापन ज्यादा होता हैं।
- ऐसा मानना हैं की हमारा एक बाल समान मोटाई के एक कॉपर के तार से भी ज्यादा मजबूत होता हैं।
- नवजात शिशु के बाल काफी मुलायम होते है परन्तु छह महीने के अंदर ही वह अपना एक अलग ही टेक्सचर बना लेते है।
बालों की मजबूती जाँचे :-
- बालों की मजबूती और स्ट्रैचेब्लिटी को जांचने के लिए सिर पर से एक बाल तोड़ ले ,अब दोनों हाथो की उँगलियों के बीच पकड़कर उसे हल्के-से खींचे।
- अगर बाल थोड़ा-सा खींचने पर भी टूट जाता हैं, तो समझे की आपके बाल कमजोर हैं।
- ऐसे में किसी भी तरह के रसायनों का उपचार बालों के लिए हानिकारक ही होगा।
- अगर आप चश्मा लगाती है तो आपके चश्मे का फ्रेम ऐसा पसंद करे , जो आपके हेयर स्टाइल से मेल खाता हों।
- हेयर कट करवाते जाते समय अपना चश्मा साथ लेकर जाएं ,ताकि आपका हेयर स्टाइलिस्ट उसको ध्यान में रखकर कटिंग कर सके।
बालों के प्रकार :-
बाल मुख्य रूप से तीन प्रकार होते हैं। तैलीय , रूखे और सामान्य।
हमारे सिर की त्वचा के नीचे सेबेशियन ग्रंथियाँ होती हैं , जिनमें सीबम नामक तत्व बनता हैं। बालों की प्राकृतिक चमक शरीर में बनने वाले बननें वाले इस सीबम की मात्रा पर ही निर्भर करती है।
- सामान्य बाल न तो तैलीय होते है न ही रूखे होते है। इन बालों की सबसे बड़ी पहचान यह है की इनसे कोई भी स्टाइल आसानी से बनाया जा सकता हैं।
- रूखे बाल बेजान और कांतिहीन से लगते हैं। इन्हें सवारने में भी मुश्किल आती है। ये बल उलझते भी ज्यादा है। ज्यादातर रूखे बाल जड़ में से मोटे होते है और आखरी सिरे से दो मुँहे हो जाते है।
- तैलीय बाल पतले और चिकने होते हैं। इन बालों में हमेशा चिपचिपाहट सी महसूस होती हैं। तैलीय बालों पर धूल , मिटटी , कण , प्रदूषण का प्रभाव जल्दी होता हैं।
- स्वस्थ बालों में काफी लचीलापन होता है इन्हें खींचकर बिस से तिस प्रतिशत तक लम्बा किया जा सकता है।
- कुछ महिलाओं के बाल मिश्रित भी होते है , यानि जड़ों की ओर से तैलीय और आखरी सिरे तक पहुँचते-पहुँचते बाल रूखे और दो-मुँहे हो जाते हैं।
No comments